Judiciary Preparation Strategy in Hindi
Judiciary Preparation
इस article मे हमने उन पॉइंट्स को कवर किया है जिस से आप अपने स्टडी मे शामिल कर सकते है जो आप की जज बन ने मे सहायता करेंगे | आप इन पॉइंट्स को अपनी प्रेपरैशन मे शामिल जरूर करे | चलिय सुरू करते है |
अगर आप Civil Judge या Judicial Magistrate बनना चाहते हैं, तो ये Judiciary Preparation Strategy in Hindi आपके लिए है। जानिए कौन-सी किताबें पढ़ें, समय का सही उपयोग कैसे करें और सफल होने की पूरी योजना।
.webp)
Judiciary Preparation Strategy in Hindi – पूरी गाइड 2025
📑 Table of Contents
- भूमिका
- न्यायिक सेवा परीक्षा क्या है?
- योग्यता और पात्रता
- परीक्षा पैटर्न
- तैयारी की शुरुआत कैसे करें?
- दिनचर्या
- मुख्य विषयों पर फोकस
- बुक लिस्ट
- टेस्ट सीरीज और मॉक टेस्ट
- टॉप 10 तैयारी टिप्स
- सामान्य गलतियाँ
- निष्कर्ष
मजिस्ट्रेट बनना
हमारे भारत में सिविल जज या न्यायिक मजिस्ट्रेट बनना एक प्रतिष्ठित और जिम्मेदारी भरा पेशा है। Judiciary एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ आपको कानून का गहरा ज्ञान, अनुशासन और निरंतर अभ्यास की आवश्यकता होती है।
.webp)
विधिक ज्ञान की सैद्धांतिक समझ
एक सफल न्यायिक अभ्यर्थी बनने के लिए केवल Bare Acts या गाइडबुक्स पढ़ना पर्याप्त नहीं है। न्यायिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए विधिक विषयों का सैद्धांतिक आधार (theoretical foundation) समझना अत्यंत आवश्यक है।
उदाहरणार्थ:
-
भारतीय संविधान सिर्फ अनुच्छेदों का संग्रह नहीं है, बल्कि यह देश की आत्मा है। इसकी व्याख्या करते समय सामाजिक न्याय, समानता, और स्वतंत्रता जैसे मूलभूत सिद्धांतों की समझ आवश्यक है।
-
भारतीय दंड संहिता (IPC) केवल अपराधों और दंडों की सूची नहीं है, बल्कि यह सामाजिक नैतिकता को कानूनी रूप में प्रस्तुत करता है।
-
भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Evidence Act) साक्ष्यों की वैधता और विश्वसनीयता के सैद्धांतिक मूल्यों को दर्शाता है। न्यायिक अधिकारी को तथ्यों और साक्ष्यों में फर्क करने की गहरी समझ होनी चाहिए।
सिविल जज या मजिस्ट्रेट परीक्षा क्या है?
Judiciary Exam यानी Judicial Services Examination एक प्रतियोगी परीक्षा है जो राज्य सरकार द्वारा सिविल जज या मजिस्ट्रेट की नियुक्ति के लिए आयोजित की जाती है।
हर राज्य की अपनी Judicial Service Exam होती है जैसे:
UP PCS J
MP Judiciary
Delhi Judiciary
Rajasthan Judicial Services (RJS) आदि
भारतीय संविधान सिर्फ अनुच्छेदों का संग्रह नहीं है, बल्कि यह देश की आत्मा है। इसकी व्याख्या करते समय सामाजिक न्याय, समानता, और स्वतंत्रता जैसे मूलभूत सिद्धांतों की समझ आवश्यक है।
भारतीय दंड संहिता (IPC) केवल अपराधों और दंडों की सूची नहीं है, बल्कि यह सामाजिक नैतिकता को कानूनी रूप में प्रस्तुत करता है।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Evidence Act) साक्ष्यों की वैधता और विश्वसनीयता के सैद्धांतिक मूल्यों को दर्शाता है। न्यायिक अधिकारी को तथ्यों और साक्ष्यों में फर्क करने की गहरी समझ होनी चाहिए।
UP PCS J
MP Judiciary
Delhi Judiciary
Rajasthan Judicial Services (RJS) आदि
क्या योगत होनी चाहिए
- शैक्षिक योग्यता: एल.एल.बी. (LLB) पास होना अनिवार्य है।
- उम्र सीमा: आमतौर पर 21 से 35 वर्ष
- अन्य: भारत का नागरिक होना चाहिए और नैतिक आचरण अच्छा होना चाहिए।
परीक्षा पैटर्न (Prelims + Mains + Interview)
Prelims (प्रारंभिक परीक्षा):
Multiple Choice Questions
Negative Marking संभव है
Qualifying Nature की होती है
Mains (मुख्य परीक्षा):
Descriptive Answers
Subjective Paper: Civil, Criminal Law, Local Laws, Hindi/English Essay
Interview (साक्षात्कार):
Legal Aptitude
Current Affairs
Personality & Confidence
Prelims (प्रारंभिक परीक्षा):
Multiple Choice Questions
Negative Marking संभव है
Qualifying Nature की होती है
Mains (मुख्य परीक्षा):
Descriptive Answers
Subjective Paper: Civil, Criminal Law, Local Laws, Hindi/English Essay
Interview (साक्षात्कार):
Legal Aptitude
Current Affairs
Personality & Confidence
तैयारी की शुरुआत इस तरह करे
सिलेबस समझें: हर राज्य की Official वेबसाइट से सिलेबस डाउनलोड करें।
Subject-wise Planning करें: पहले आसान विषयों से शुरुआत करें।
Basic Law Subjects Clear करें: जैसे CPC, CrPC, IPC, Evidence, Contract Act।
Notes बनाएं: Short Notes जो Revision में काम आएं।
न्यायिक परीक्षा में सफलता के लिए ‘न्यायिक सोच’ (Judicial Thinking) का होना अत्यंत आवश्यक है। यह सोच कैसी होनी चाहिए?
-
तटस्थता (Neutrality): न्यायिक अधिकारी को निजी भावनाओं या पूर्वाग्रहों से प्रभावित नहीं होना चाहिए।
-
तथ्यात्मक विवेचन (Factual Analysis): तथ्यों की गहराई में जाकर निष्कर्ष निकालने की क्षमता
-
कानूनी विवेक (Legal Reasoning): कानून की भावना के अनुरूप निर्णय देना
इस सोच को विकसित करने के लिए विधिक निर्णयों का अध्ययन (Case Law Analysis) बहुत जरूरी है। एक अभ्यर्थी को न केवल निर्णयों को रटना चाहिए, बल्कि यह समझना चाहिए कि न्यायालय ने किस परिस्थिति में कौन-सा निष्कर्ष क्यों निकाला।
सिलेबस समझें: हर राज्य की Official वेबसाइट से सिलेबस डाउनलोड करें।
Subject-wise Planning करें: पहले आसान विषयों से शुरुआत करें।
Basic Law Subjects Clear करें: जैसे CPC, CrPC, IPC, Evidence, Contract Act।
Notes बनाएं: Short Notes जो Revision में काम आएं।
न्यायिक परीक्षा में सफलता के लिए ‘न्यायिक सोच’ (Judicial Thinking) का होना अत्यंत आवश्यक है। यह सोच कैसी होनी चाहिए?
-
तटस्थता (Neutrality): न्यायिक अधिकारी को निजी भावनाओं या पूर्वाग्रहों से प्रभावित नहीं होना चाहिए।
-
तथ्यात्मक विवेचन (Factual Analysis): तथ्यों की गहराई में जाकर निष्कर्ष निकालने की क्षमता
-
कानूनी विवेक (Legal Reasoning): कानून की भावना के अनुरूप निर्णय देना
इस सोच को विकसित करने के लिए विधिक निर्णयों का अध्ययन (Case Law Analysis) बहुत जरूरी है। एक अभ्यर्थी को न केवल निर्णयों को रटना चाहिए, बल्कि यह समझना चाहिए कि न्यायालय ने किस परिस्थिति में कौन-सा निष्कर्ष क्यों निकाला।
(Daily Routine)
6:00 – 8:00: Revise Previous Day's Study
8:00 – 9:00: Breakfast + News (Legal + Current Affairs)
9:00 – 1:00: Core Subjects Study
1:00 – 2:00: Lunch + Rest
2:00 – 5:00: Bare Acts + Case Laws Reading
5:00 – 6:00: Break + Walk
6:00 – 9:00: Practice Answer Writing / MCQs
9:00 – 10:00: हल्का Revision या Video Lectures
10:0 – 10:30: Planning for Next Day
मुख्य विषय
Indian Constitution
Indian Penal Code (IPC)
Code of Criminal Procedure (CrPC)
Code of Civil Procedure (CPC)
Evidence Act
Contract Act
Torts and Family Law
Local State Laws
8:00 – 9:00: Breakfast + News (Legal + Current Affairs)
9:00 – 1:00: Core Subjects Study
1:00 – 2:00: Lunch + Rest
2:00 – 5:00: Bare Acts + Case Laws Reading
5:00 – 6:00: Break + Walk
6:00 – 9:00: Practice Answer Writing / MCQs
9:00 – 10:00: हल्का Revision या Video Lectures
10:0 – 10:30: Planning for Next Day
Indian Constitution
Indian Penal Code (IPC)
Code of Criminal Procedure (CrPC)
Code of Civil Procedure (CPC)
Evidence Act
Contract Act
Torts and Family Law
Local State Laws
Recommended Books
विषय पुस्तक लेखक
CPC Bare Act Universal
CrPC With Commentary R.V. Kelkar
IPC Indian Penal Code K.D. Gaur
Constitution Indian Constitution M.P. Jain
Evidence Evidence Act Batuk Lal
मॉक टेस्ट
महीने में कम से कम 4 Mock Test जरूर दें।
Answer Writing की Practice करें – Mains में सबसे जरूरी है।
Old Question Papers (State-wise) Solve करें।
Online Test Series का हिस्सा बनें जैसे Dhyeya Law, Ambition Law Institute आदि।
टॉप 10 तैयारी टिप्स
Bare Act Line-by-Line पढ़ें
हर विषय के लिए Short Notes बनाएं
Essay Writing की Practice करें
समय का सही उपयोग करें
एक अच्छा Study Group बनाएं
हर हफ्ते Revision करें
YouTube पर Judiciary चैनल्स फॉलो करें
समय-समय पर Mock Test दें
Local Laws को न भूलें
खुद पर विश्वास रखें
ये गल्तिय न करे
सिर्फ Coaching पर निर्भर रहना
Bare Act नहीं पढ़ना
Answer Writing नहीं करना
Current Affairs को Ignore करना
जल्दबाजी में सिलेबस Complete करना
खुद को Compare करना
निष्कर्ष
सही रणनीति, अनुशासन और धैर्य के साथ Judiciary की तैयारी जरूर सफल होगी। खुद पर भरोसा रखें और रोज़ थोड़ा-थोड़ा आगे बढ़ते रहें।भारत जैसे विविधताओं वाले देश में कानून का कार्यान्वयन केवल किताबों से नहीं होता, बल्कि सामाजिक यथार्थ को समझ कर ही संभव होता है। एक न्यायिक अभ्यर्थी को यह समझना आवश्यक है
-
कानून का प्रयोग समाज के कमजोर वर्गों की रक्षा हेतु होना चाहिए।
-
संविधान के मूल सिद्धांत – धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक न्याय, समानता – केवल परीक्षा के लिए नहीं, बल्कि व्यवहारिक दृष्टिकोण के लिए हैं।
एक अच्छा जज बनने के लिए कानून को सामाजिक संदर्भों में देखना और समझना अत्यंत आवश्यक है।
📌 अगर आपको यह लेख उपयोगी लगे, तो इसे शेयर करें और LEGAL4INDIA को सब्सक्राइब करें। इसी तरह और लीगल इनफार्मेशन के लिए हमारे साथ जुड़े रहे और लीगल कंटेन्ट अपने साथ के student के साथ भी share करे |
महीने में कम से कम 4 Mock Test जरूर दें।
Answer Writing की Practice करें – Mains में सबसे जरूरी है।
Old Question Papers (State-wise) Solve करें।
Online Test Series का हिस्सा बनें जैसे Dhyeya Law, Ambition Law Institute आदि।
Bare Act Line-by-Line पढ़ें
हर विषय के लिए Short Notes बनाएं
Essay Writing की Practice करें
समय का सही उपयोग करें
एक अच्छा Study Group बनाएं
हर हफ्ते Revision करें
YouTube पर Judiciary चैनल्स फॉलो करें
समय-समय पर Mock Test दें
Local Laws को न भूलें
खुद पर विश्वास रखें
सिर्फ Coaching पर निर्भर रहना
Bare Act नहीं पढ़ना
Answer Writing नहीं करना
Current Affairs को Ignore करना
जल्दबाजी में सिलेबस Complete करना
खुद को Compare करना
कानून का प्रयोग समाज के कमजोर वर्गों की रक्षा हेतु होना चाहिए।
संविधान के मूल सिद्धांत – धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक न्याय, समानता – केवल परीक्षा के लिए नहीं, बल्कि व्यवहारिक दृष्टिकोण के लिए हैं।
If you have any questions then you can comment me